बहुजन गद्दारी, छीने आज़ादी। धूर्त नही, चालक बनें।तिरंगा आजाद करें।।
#अघोषित मनुवाद, अपहरत लोकतंत्र# **सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय** ना काहू से दोस्ती, ना काहू से वैर मनुवादी व्यवस्था में जकड़ी गुलामी से जब जब आज़ादी की बाहें खुली हैं। तो सीधी साधी भोली भाली निरक्षर अल्पजगरूक बहुजन(sc st obc minority)जनता को कुछ चालक बहुजन बरगलाकर, उनके सीने में दबी चिंगारी को भड़काकर, खुद बहुजनों के खिलाफत वाली पार्टी कांग्रेस या बीजेपी में गर्व से स्वार्थी खुदगर्ज होकर शामिल हो जाते हैं। बहुजन फिर बँट जाते हैं, जीती जंग हार जाते हैं। अल्पजन फिर सत्ता प्राप्त करते हैं।बहुजन जिनका आपस में दर्द का पुराना ऐतिहासिक रिश्ता है।ठगे रह जाते हैं। अब जब ठोकर खाते सम्हला है बहुजन समाज तो ऐसे नेताओं को बहिष्कार करने से हासिये पर आये st st obc बहुजन नेता जो लोगों को बहकाकर बीजेपी कांग्रेस में शिफ्ट होकर आरएसएस के मनमुताबिक कार्य कर उन्हें हमारे ही अधिकारों के खिलाफ शक्ति प्रदान करते हैं। बहुजन जागरूकता ने ऐसे लोगो के पेट खौला दिए ह...