बहुजन गद्दारी, छीने आज़ादी। धूर्त नही, चालक बनें।तिरंगा आजाद करें।।

     #अघोषित मनुवाद, अपहरत लोकतंत्र# 

        **सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय**
           ना काहू से दोस्ती, ना काहू से वैर
 मनुवादी व्यवस्था में जकड़ी गुलामी से जब जब आज़ादी की बाहें खुली हैं। तो सीधी साधी भोली भाली निरक्षर अल्पजगरूक बहुजन(sc st obc minority)जनता को कुछ चालक बहुजन बरगलाकर, उनके सीने में दबी चिंगारी को भड़काकर, खुद बहुजनों के खिलाफत वाली पार्टी कांग्रेस या बीजेपी में गर्व से स्वार्थी खुदगर्ज होकर शामिल हो जाते हैं।
          बहुजन फिर बँट जाते हैं, जीती जंग हार जाते हैं।
अल्पजन फिर सत्ता प्राप्त करते हैं।बहुजन जिनका आपस में दर्द का पुराना ऐतिहासिक रिश्ता है।ठगे रह जाते हैं।
    अब जब ठोकर खाते सम्हला है बहुजन समाज तो ऐसे नेताओं को बहिष्कार करने से हासिये पर आये st st obc बहुजन नेता जो लोगों को बहकाकर बीजेपी कांग्रेस में शिफ्ट होकर आरएसएस के मनमुताबिक कार्य कर उन्हें हमारे ही अधिकारों के खिलाफ शक्ति प्रदान करते हैं। बहुजन जागरूकता ने ऐसे लोगो के पेट खौला दिए हैं।
   सामाजिक संघठनों के नाम पर आरएसएस द्वारा बहुजनों को बाँटने के लिये धनबल सत्ताबल पर बहुजन युवाओं को ही तैयार खड़ा किया है। जिनका प्रयोग चुनाव के दौरान शिफ्टिंग फिक्सिंग कर सुविधानुसार आरएसएस, कांग्रेस या बीजेपी में सेट कर देती है।
    इस प्रकार sc st obc जनता, साँप निकल गया,लकीर सी देखते रह जाते हैं।फिर होता है जातिवाद धर्मवाद दंगा बलवा आतंक लिंचिंग भ्रस्टाचार पूंजीवाद सामंतवाद का नंगा नाच ।
    आज पूरा भारत बहन मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का सपना सँजोये, कानून का राज और जिसकी जितनी भागीदारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी दिलवाना चाहती हैं। बहुजन इस बात को बखूबी  मान गया है और बसपा के साथ मजबूती से खड़ा है।
 जो कांग्रेस या बीजेपी में चला गया उसकी लोकप्रियता धड़ाम से गिरी है। आशीष जराजरिया का ही उदाहरण लिया जा सकता है।
 राजनैतिक गलियारों में कयास ये भी लगाये जा रहे हैं यदि चंद्रशेखर रावण कांग्रेस की तरफ रुख करते हैं, तो बहुजन जागरूकता से इनका भी अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
   यदि बहुजनों के सब नेता व संगठन अपनी खुद की राष्ट्रीय राजनैतिक शक्ति बसपा के साथ खड़े होते हैं।तो निश्चित ही जीत होगी। या बहुजन आत्म मन से खुद अपनी एकता के लिये एक झंडा एक मंच बसपा ही पार्टी, गाँठ बाँध ले।
    जिसकी न सरकार, मीडिया, ना अखबार है।उस बहुजन समाज को अपने मन की आँखें खोलनी होंगी।
  प्रायः पाया गया है, किसी दलित पिछड़े की पार्टी से उम्मीदवार सवर्ण को, कोई सवर्ण क्या,,उसके घर से वोट नही देता।
  उसी प्रकार दलित पिछड़े वोट देते समय मुक्त मन मत से बीजेपी और कांग्रेस पार्टी या समाज से धोखाधड़ी कर बीजेपी कांग्रेस में शामिल किसी भी sc st obc प्रत्यासी को भी येन टाइम पर धोखा ही दें। ठान लें, तो sc st obc से बड़ा कोई राजा नही इस देश में।आखिर एका में ही नेका है।
   नही तो लोग 56 इंच लेकर आते रहेंगे और जाते रहेंगें। बातों के पकवान चखाते रहेंगें। आँसू दिखा कर, मेरे दलित भाइयों को मत मारो, चाहे मुझे गोली मार दो, कहते रहेंगे।पिछड़ा हूँ, पिछड़ा हूँ, चिल्लाकर बरगलाते रहेंगें।
संगठित रहें,सचेत रहें, राजनीति का शिकार ना बने।खुद को ठगने और देश को लुटने से आप ही बचा सकते हैं।आप के पास वोट है,बनाने बिगाड़ने की शक्ति है।
  वोटर या भारतीय न जागा तो कोई ऐसा चौकीदार आएगा, जो छक के खायेगा भी,खाने भी देगा और पैक करा कर विदेश तक भी पहुँचवायेगा।
   sc st obc का पेट मन की बात से छकाये रहेगा।काम के नाम पर लाइन में लगाये रहेगा।आपके अधिकारों को कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उलझाए रहेगा।
  वोटर बालिग होता है। कुँए में गिरे या खाई में, इस निर्णय में उसका एकाधिकार है। प्रस्तुत अभिव्यक्ति विचारार्थ सहायक हो सकती है।अन्य अर्थो में प्रकाशित अक्षरांश अयोग्य हैं।

 🇮🇳Prashant R. Singh🇮🇳
        **Advocate**
                   (MJMC,LLB)

 
 
  

Comments